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जयपुर:-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में की गई बढ़ोतरी ऎतिहासिक-महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,जयपुर। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में जो बढ़ोतरी की है, वह ऎतिहासिक है। उन्होंने कहा कि अब बीमा की राशि का भार भी सरकार ने अपने ऊपर लिया है और प्रीमियर की राशि सरकार की ओर से जमा करवाई जाएगी।

भदेल प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थीं।  उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को वास्तव में धरातल पर लाने का कार्य वर्तमान राजस्थान सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को पर्याप्त बजट देने की वजह से आज ये केन्द्र आदर्श केन्द्र तथा नंदघर के रूप में विकसित हो रहे हैं। बाड़मेर जिले में कैयर्न एनर्जी ने 50 आंगनबाड़ी केन्द्रों को नंदघर के रूप में बनाया गया है। 

भदेल ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता यह है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेवाओं की सुदूर तक पहुंच सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि मापदंडों के अनुसार यदि केन्द्र सरकार स्वीकृति प्रदान करती है, तो आने वाले समय में नए आंगनबाड़ी केन्द्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के पुनर्गठन के प्रस्ताव विभाग ने तैयार कराए हैं। आने वाले समय में उन्हें लागू किया जाएगा।

इससे पहले विधायक कैलाश चौधरी के मूल प्रश्न के जवाब में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य के मरुस्थलीय जिलों जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, सिरोही एवं पाली में 9 हजार 962 आंगनबाड़ी केन्द्र 1 हजार 111 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिनसे योजना का  लाभ आमजन तक पहुच रहा है।

उन्होंने कहा कि बाड़मेर, जैसलमेर जैसे मरुस्थलीय क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा जनसंख्या के मापदण्डों में शिथिलता प्रदान की गई है। उन्होंने मरुस्थलीय क्षेत्र में आंगनबाड़ी केन्द्र व मिनी केन्द्र स्वीकृति के मापदण्ड सदन के पटल पर रखे। उन्होंने बताया कि जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार मांग पर आधारित आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बाड़मेर में 3 हजार 69 आंगनबाड़ी केन्द्र, 489 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र एवं जैसलमेर में 663 आंगनबाड़ी केन्द्र व 169 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृति का आधार जनसंख्या है न की राजस्व ग्राम। इसलिए जनसंख्या के आधार पर ही आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत किये जाते हैं।


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