श्रीगंगानगर,। जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा व जिला पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यंत के निर्देशानुसार भारत सरकार द्वारा संचालित ‘‘नशा मुक्त भारत अभियान‘‘ के अंतर्गत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मिर्जेवाला में नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला का आयोजन पुलिस थाना मठीली राठान के सहयोग से शुक्रवार को किया गया है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता नशा मुक्ति विशेषज्ञ डाॅ. रविकांत गोयल ने कहा कि नशा विनाश का ही दूसरा रूप है, नशा करने वाला व्यक्ति अपना तन मन धन व प्रतिष्ठा खो बैठता है तथा बीमारियों एवं तकलीफों का शिकार होकर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाता है। डाॅ. गोयल ने नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों की विस्तृत जानकारी देते हुए नशें से बचने, बचाने व नशा छोड़ने के सरल उपाय बताते हुए उपस्थित जनसमूह को जीवनभर नशा न करने की शपथ दिलवायी ।इस अवसर पर पैरा लीगल वालंटियर व चैस कोच इंद्र मोहन सिंह जुनेजा ने कहा कि नशे का सेवन व्यक्ति के वर्तमान को कष्टमय तथा भविष्य को अंधकारमय बना देता है, साथ ही जीवन निराशाजनक बन जाता है। नशा करने वाला व्यक्ति उचित इलाज से बिना किसी तकलीफ के नशा छोड़ सकता है, नशा छोड़ने से व्यक्ति के जीवन में सुखद परिवर्तन स्पष्ट दृष्टिगोचर होने लगते हैं। व्यक्ति को सफल जीवन हेतु व जीवन का सच्चा आनंद लेने के लिए सदैव नशें से दूर रहना चाहिए ।
इस अवसर पर पुलिस थाना मठीली राठान के थानाधिकारी श्री राकेश ने कहा कि नशे का अपराधों के साथ सीधा संबंध है, अधिकतर दुर्घटनाएं व अपराध नशे के प्रभाव में ही घटित होते है। नशे पर काबू पाकर न केवल अपराध दर में कमी लायी जा सकती है, साथ ही समाज में अमन-चैन व खुशहाली स्थापित की जा सकती है ।
इस अवसर पर ग्राम सरपंच श्री जसवीर सिंह सेखों ने कहा कि जिस घर में नशा किया जाता है, वहां दुख-दर्द, लड़ाई-झगड़ा, अभाव व लाचारी का वास होता है। इस अवसर पर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, मिर्जेवाला की प्रधानाचार्या श्रीमती अंजू पसरीचा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजकल महिला वर्ग भी नशे की गिरफ्त में आ रहा है। किसी महिला के नशे का आदी होने से उसे शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से शोषण का शिकार होना पड़ता है तथा परिवार की प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है। नशे को मिटाने में महिलाओं को अपना पूर्ण सहयोग देना चाहिए
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