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लाइलाज बीमारी नहीं कुष्ठ रोग, आगे आएं और इलाज कराएं: डॉ. नवनीत शर्मा

 लाइलाज बीमारी नहीं कुष्ठ रोग, आगे आएं और इलाज कराएं: डॉ. नवनीत शर्मा

- चिकित्सा विभाग के प्रयास चर्म रोगी का शुरू हुआ इलाज

हनुमानगढ़। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से एक रोगी चर्म (कुष्ठ) रोगी की पहचान के बाद उसका इलाज शुरू कर दिया गया है। इसे विभाग द्वारा 12 माह के दवा दी जाएगी, जिसके बाद रोगी पूर्ण रूप से रोग मुक्त हो जाएगा।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा कुष्ठ रोगी को ढूंढने का अभियान निरंतर जारी है। इसी के तहत जनवरी 2021 में स्वास्थ्य टीम को नोहर के एक गांव में पूर्णचंद (परिवर्तित नाम) में चर्म रोग होने का अंदेशा हुआ। उसके शरीर पर कुछ जगहों पर दाग थे, जिनमें सूनापन भी था। टाउन स्थित एमजीएम जिला अस्पताल में पूर्णचंद की जांच करने पर पता चलता कि उसमें चर्म रोग की शुरूआत हो रही है। स्वास्थ्य परीक्षण में उनकी सम्पूर्ण जांच निःशुल्क की गई। जांच उपरांत पूर्णचंद को बताया गया कि दवाइयों के नियमित सेवन से वह कुछ ही माह में रोग मुक्त हो जाएगा। पूर्णचंद ने अब नियमित दवा का सेवन शुरू कर दिया है। पूर्णचंद को आज स्वास्थ्य भवन में कुष्ठ रोग संबंधी दवाइयां एवं ऐण्टीसैप्टिक लोशन दिया गया। अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी रघुवीर सिंह ने पूर्णचंद को एक कम्बल प्रदान किया।
इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, बल्कि 6 से 12 महीने के नियमित इलाज से कुष्ठ रोग को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। जिले में कुष्ठ रोग के प्रति लोगों को जागरुक करने समय-समय पर विशेष अभियान चलाए जाते हैं। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा नियमित चर्म रोग के रोगियों की खोज की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज भी समाज में कुष्ठ रोग को लेकर अनेक तरह की शंकाएं है जबकि यह एक तरह की बीमारी है, जो समय और सही इलाज से पूरी तरह से ठीक हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर भिन्न संक्रमण को भिन्न प्रकार से प्रत्युत करता है। यह एक व्यक्तिगत क्षमता है जो बीमारी या संक्रमण का प्रतिरोध करती है, जिसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के नाम से जाना जाता है। दूसरी बीमारियों की ही तरह कुष्ठ रोग का कारण भी जीवाणु ही है, जो कि माइकोबैक्टिरिअम लेप्राई और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस जैसे जीवाणुओं से होता है। उन्होंने बताया कि वैसे तो यह बीमारी स्थाई होती है, इसलिए समय रहते इसकी पहचान जरूरी है और नियमित अंतराल के दवा सेवन से इसे खत्म किया जा सकता है।

कुष्ठ रोग से पीड़ित के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करें
वरिष्ठ स्वास्थ्य कार्यकर्ता नवाबदीन भाटी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को चमड़ी के रंग के फीकापन लगे, तो उसे नजदीकी अस्पताल जाकर इसकी जांच करवा लेनी चाहिए। सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर इसकी जांच व दवाई मुफ्त मिलती है। समय पर इलाज करवाने से यह रोग पूर्णतया ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस रोग के उपचार में लापरवाही ना बरती जाए, वरना अंग विकृति आ सकती है। उन्होंने कहा कि अगर आस-पड़ोस में किसी व्यक्ति को इस तरह के दाग धब्बे हों तो आशा, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, डॉक्टर से सम्पर्क कर उसकी जांच करवाएं। यदि कोई व्यक्ति कुष्ठ रोग से पीड़ित है, तो उसके साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करें एवं जहां तक हो सके उसकी हर प्रकार से सहायता करें। 

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