बाहर से आने वाले कार्मिक, किरायेदार, मजदूरों का पुलिस चरित्र सत्यापन करवाना आवश्यक
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किये आदेश
श्रीगंगानगर। जिले में स्थित हॉस्टल, पीजी, ढाबे, सराय, धर्मशाला में बाहर से आकर कुछ असामाजिक तत्व, संदिग्ध व्यक्ति रहने लग जाते हैं। इसी प्रकार घरेलू नौकर, किरायेदार, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों आदि पर ऐसे लोक आकर कार्य करने लग जाते हैं। हॉस्टल, पीजी, ढाबे, धर्मशाला, सराय मालिकों, मकान मालिकों, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों द्वारा इनका पुलिस चरित्र सत्यापन नहीं करवाया जाता है। ऐसे असामाजिक तत्व, संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा कानून व्यवस्था, सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हॉस्टल, पीजी, ढाबे, धर्मशाला, सराय मालिकों, मकान मालिकों द्वारा इनके यहां ठहरने वालों एवं विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों को अपने कार्मिकों, मजदूरों का पुलिस चरित्र सत्यापन करवाने हेतु पाबंद किया जाना अतिआवश्यक है।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मंजू द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए समस्त जिला श्रीगंगानगर में तुरन्त प्रभाव से प्रतिबंध लगाया है। इसके अनुसार जिले में स्थित हॉस्टल, पीजी, ढाबे, सराय, धर्मशाला में बाहर से आकर व्यक्ति बिना पुलिस चरित्र सत्यापन के नहीं रह सकेंगे। इसी प्रकार घरेलू नौकर, किरायेदार, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों आदि पर बाहर से ऐसे लोग आकर बिना पुलिस चरित्र सत्यापन के कार्य नहीं कर सकेंगे। समस्त हॉस्टल, पीजी, ढाबे, धर्मशाला, सराय मालिकों, मकान मालिकों, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों को अपने कार्मिकों/मजदूरों का पुलिस चरित्र सत्यापन करवाया जाना अनिवार्य होगा।
इस आदेश का उल्लंघन करने पर पुलिस प्रशासन अथवा उपखण्ड अधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्डित कराने की कार्यवाही की जायेगी। उक्त आदेश 1 मई 2025 से जारी होकर दो माह की अवधि तक प्रभावी रहेगा।
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